भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गैस पीड़ित संगठनों ने यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा धार जिले के पीथमपुर में भेजे जाने के बीच ये कचरा अमेरिका भेजने की सलाह दी है।
चार गैस पीड़ित संगठनों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं से चर्चा के दौरान ये बात कही। उन्होंने इस दौरान कई दस्तावेज़ साझा किए। संगठनों ने इस संबंध में पीथमपुर और आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों के चिंतित होने का दावा करते हुए सरकार को खतरनाक कचरे को संयुक्त राज्य अमेरिका भेजने की व्यवस्था करने की सलाह दी। संगठनों ने कहा कि 2003 में तमिलनाडु के कोडाइकनाल में यूनिलीवर थर्मामीटर संयंत्र से कचरे के साथ भी ऐसा किया गया था।
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि जब 2015 में यूनियन कार्बाइड से 10 टन खतरनाक कचरा जलाया गया था, तो लगभग 80 हजार लीटर डीजल का उपयोग किया गया था। यह 2010-2012 तक किसी अन्य स्रोत से खतरनाक कचरे के लिए उपयोग किए गए डीजल से 30 गुना अधिक था। अत्यधिक मात्रा में डीजल जलाने से न केवल गंभीर प्रदूषण होगा, बल्कि इसके वजह से भस्मक से निकलनेवाली धुएँ में खतरनाक डाइऑक्सिन और फ्यूरन्स के स्तर की सही जानकारी नहीं मिल पाएगी।
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने दस्तावेजों के हवाले से कहा कि पीथमपुर के संयन्त्र में यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को जलाने से 900 टन से अधिक राख बनने की गुंजाइश है। इस राख में भारी मात्रा में भारी धातुएं होंगी जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं।
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल निवारण अधिनियम, 1974 के उल्लंघन के लिए पीथमपुर वेस्ट मैनेजमेंट के संचालकों को कारण बताओ नोटिस दिया है, जिससे पता चलता है कि लैंडफिल से रिसाव पहले से ही सुविधा के आसपास के भूजल को दूषित कर रहा था।
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने यूनियन कार्बाइड के खतरनाक कचरे को अमेरिका भेजने पर जोर दिया।